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रायबरेली से पहला कोच अगले महीने

 

नई दिल्ली April 03, 2011

उत्तर प्रदेश की रेल कोच फैक्टरी से पहला अत्याधुनिक कोच अगले महीने तैयार होने को है।  इस फैक्टरी में हल्के वजन वाले स्टेनलेस स्टील के कोच तैयार किए जा रहे हैं। उम्मीद है कि रेलवे की बढ़ती मांग के बीच यहां से सालाना 1000 यूनिट कोच का निर्माण होगा।

इस परियोजना से जुड़े रेल विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘हमारा लक्ष्य हर साल 1000 कोच बनाने का है। लेकिन योजना के मुताबिक पहले दो वर्षों में हमने 60 कोच प्रतिवर्ष बनाने का लक्ष्य रखा है।

इसकी नींव कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 13 फरवरी 2007 को रखी थी।  1685 करोड़ रुपये की यह परियोजना 27 जनवरी 2009 को उद्घाटन हुआ था। रायबरेली से दो और अत्याधुनिक कोच अगले दो महीनों में तैयार हो जाएंगे।

अधिकारी ने कहा कि कोच फैक्टरी 1500 एकड़ से ज्यादा रकबे में बनी है और यह पूरी तरह से पर्यावरण के अनुकूल है। हमने प्रदूषण नियंत्रण के सभी आधुनिक मानक पूरे किए हैं। उन्होंने कहा कि पहले चरण में हमेशा ज्यादा वक्त लगता है, क्योंकि जमीन अधिग्रहण से लेकर मशीन की खरीदारी और ठेके देने में वक्त लगता है।

इस परियोजना को तैयार करने के लिए आईआरसीओएन को जिम्मा सौंपा गया था, जबकि करीब 1000 रेल कर्मचारी भी इस काम के लिए नियुक्त किए गए थे। उन्होंने कहा, ‘हमने दूसरे चरण का काम भी शुरू कर दिया है और हमें उम्मीद है कि हम उत्पादन का लक्ष्य हासिल कर लेंगे।

वर्तमान में रेल विभाग को हर साल 100 नई ट्रेनें शुरू करने के लिए 4000 कोच की जरूरत होती है। विजन 2010 में कहा गया है कि कोच की सालाना मांग 6000 तक पहुंच जाएगी। कपूरथला रेल कोच फैक्टरी में जहां सालाना उत्पादन 1600 कोच का है, वहीं चेन्नई कोच फैक्टरी में 1500 कोच का निर्माण होता है।