दूध की धारा ने बदली महिलाओं की तकदीर
रायबरेली। महिलाएं अब घर की ढ़ेहरी लांघकर पुरूषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं। महिलाओं में यह बदलाव स्वयं सहायता समूहों से आया है। ये महिलायें छोटी-छोटी बचत करके न केवल घर की गाड़ी खींच रही हैं, बल्कि अपने गांव व मुहल्लों का नाम भी रोशन कर रही हैं। शहर के बालापुर की दलित महिलाओं ने कमाल कर दिया। महामाया स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने छोटी छोटी बचत करके न केवल अपनी गृहस्थी सजाई है, बल्कि समाज की तमाम महिलाओं की प्रेरणास्रोत बन गयी हैं। डेयरी का व्यवसाय कर बालापुर की स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने एक मिसाल कायम की है। लगन और मेहनत की वजह से जिलाधिकारी अमृता सोनी डेयरी विस्तार के समूह को ढ़ाई लाख रुपये की राशि स्वीकृत की है। डीएम ने इसकी पहली किस्त समूह की अध्यक्ष सरोज को एक लाख रुपये बुधवार को बचत भवन मे प्रदान की। शेष धन समूह के कार्यो की प्रगति के बाद दिया जायेगा। महामाया स्वयं सहायता समूह की अध्यक्ष सरोज का कहना हैं कि उनके समूह में पूनम कुमारी, मातादेई, प्रेम कुमारी, सुन्दारा देवी समेत तेरह महिलाओं का समूह हैं। अध्यक्ष का कहना है कि पहले समूह का खाता बैक में खुलवाया गया। उसी में सभी महिलाओं ने छोटी-छोटी बचत करके यह मुकाम हासिल किया हैं। आज ये महिलाएं न केवल समाज मे अग्रणी हैं, बल्कि जिला प्रशासन से भी सम्मान पा रही हैं।